अयोगकेवली: Difference between revisions
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<p> चौदहवां गुणस्थान । यहाँ जीव घातियाकर्म का नाश करके योग रहित हो जाता है । हरिवंशपुराण 3. 83</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चौदहवां गुणस्थान । यहाँ जीव घातियाकर्म का नाश करके योग रहित हो जाता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#83|हरिवंशपुराण - 3.83]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
चौदहवां गुणस्थान । यहाँ जीव घातियाकर्म का नाश करके योग रहित हो जाता है । हरिवंशपुराण - 3.83