कर्मस्थिति: Difference between revisions
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्मप्रकृति नाम के चौथे प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में तेईसवाँ योगद्वार । हरिवंशपुराण - 10.957-86