|
|
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) |
Line 1: |
Line 1: |
| <p id="1"> (1) गन्धर्वनगर के निवासी इन्द्र के गायक देव । ये देवसेना के आगे वाद्य बजाते हुए चलते हैं । महापुराण 13.50, 14.96, पद्मपुराण 3.309-310, 7.118, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.99</p>
| |
| <p id="2">(2) संगीत-विद्या । हरिवंशपुराण 8.43</p>
| |
| <p id="3">(3) रात्रि का तीसरा प्रहर । महापुराण 74.255</p>
| |
| <p id="4">(4) सुमेरु पर्वत के नन्दन बन की पश्चिम दिशा में स्थित एक भवन । इसकी चौड़ाई तीस योजन, ऊँचाई पचास योजन और परिधि नब्बे योजन है । यहाँ लोकपाल वरुण अपने परिवार की साढ़े तीन करोड़ स्त्रियों के साथ मनोरंजन करता है । हरिवंशपुराण 5. 315-318</p>
| |
| <p id="5">(5) विद्याओं के आठ निकायों में पांचवाँ निकाय । यह अदिति देवी ने नमि और विनमि को दिया था । हरिवंशपुराण 22.57-58</p>
| |
| <p id="6">(6) एक विवाह । इसमें पुरुष और स्त्री स्वयं एक दूसरे को वर लेते हैं । कोई वैवाहिक विधि नहीं होती । पद्मपुराण 8.108</p>
| |
| <p id="7">(7) दधिमुख नगर का राजा । इसकी रानी अमरा से उत्पन्न तीन पुत्रियाँ थी― चन्द्रलेखा, विद्युत्प्रभा और तरंगमाला । इसने राम के साथ इनका विवाह कर दिया था । पद्मपुराण 51.25-26, 47-48</p>
| |
| <p id="8">(8) अर्जुन का एक मित्र । इसने वनवास के सहाय वन मे दुर्योधन को युद्ध में बाँधा था । पांडवपुराण 17.65-67, 101-104</p>
| |
|
| |
|
| |
|
| <noinclude>
| | #REDIRECT [[गंधर्व]] |
| [[ गन्धमित्र | पूर्व पृष्ठ ]] | |
| | |
| [[ गन्धर्वगीत | अगला पृष्ठ ]]
| |
| | |
| </noinclude>
| |
| [[Category: पुराण-कोष]]
| |
| [[Category: ग]]
| |