चरमांग: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> चरमशरीरी और | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चरमशरीरी और तद्भव मोक्षगामी जीव । ये जहाँ तप में लीन रहते हैं वहाँ इनके ऊपर से जाते हुए देवों के विमान रुक जाते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 15.126, 72.48-49 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: च]] | [[Category: च]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
चरमशरीरी और तद्भव मोक्षगामी जीव । ये जहाँ तप में लीन रहते हैं वहाँ इनके ऊपर से जाते हुए देवों के विमान रुक जाते हैं । महापुराण 15.126, 72.48-49