तपनीयक: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) मानुषोत्तर पर्वत की आग्नेय विदिशा का एक कूट । यह स्वातिदेव की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण 5.601, 606</p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) मानुषोत्तर पर्वत की आग्नेय विदिशा का एक कूट । यह स्वातिदेव की निवासभूमि है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#601|हरिवंशपुराण - 5.601]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#606|हरिवंशपुराण - 5.606]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) सौधर्म और ऐशान स्वर्ग का उन्नीसवां पटल । हरिवंशपुराण 4. 44-47</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) सौधर्म और ऐशान स्वर्ग का उन्नीसवां पटल । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#44|हरिवंशपुराण - 4.44-47]] </span></p> | ||
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(1) मानुषोत्तर पर्वत की आग्नेय विदिशा का एक कूट । यह स्वातिदेव की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण - 5.601,हरिवंशपुराण - 5.606
(2) सौधर्म और ऐशान स्वर्ग का उन्नीसवां पटल । हरिवंशपुराण - 4.44-47