नैस्सर्प्य: Difference between revisions
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<p> चक्रवर्ती की नौ निधियों में एक निधि । इससे शय्या, आसन तथा मकान मिलते हैं । गृहोपयोगी बर्तन भी इससे मिल जाते हैं । महापुराण 37.73-78, हरिवंशपुराण 11.118</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चक्रवर्ती की नौ निधियों में एक निधि । इससे शय्या, आसन तथा मकान मिलते हैं । गृहोपयोगी बर्तन भी इससे मिल जाते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 37.73-78, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_11#118|हरिवंशपुराण - 11.118]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
चक्रवर्ती की नौ निधियों में एक निधि । इससे शय्या, आसन तथा मकान मिलते हैं । गृहोपयोगी बर्तन भी इससे मिल जाते हैं । महापुराण 37.73-78, हरिवंशपुराण - 11.118