न्यग्रोध: Difference between revisions
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<p> वटवृक्ष । वृषभदेव को केवलज्ञान इसी वृक्ष के नीचे हुआ था । उस समय देवों ने वृषभदेव की इसी वृक्ष के नीचे पूजा की थी । उसी के फलस्वरूप आज भी वटवृक्ष पूजा जाता है । पद्मपुराण 11. 292-293</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वटवृक्ष । वृषभदेव को केवलज्ञान इसी वृक्ष के नीचे हुआ था । उस समय देवों ने वृषभदेव की इसी वृक्ष के नीचे पूजा की थी । उसी के फलस्वरूप आज भी वटवृक्ष पूजा जाता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_11#292|पद्मपुराण - 11.292-293]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
वटवृक्ष । वृषभदेव को केवलज्ञान इसी वृक्ष के नीचे हुआ था । उस समय देवों ने वृषभदेव की इसी वृक्ष के नीचे पूजा की थी । उसी के फलस्वरूप आज भी वटवृक्ष पूजा जाता है । पद्मपुराण - 11.292-293