पितृमेध: Difference between revisions
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<p> एक यज्ञ । इसमें पिता को होमा जाता है । राजा वसु के समय में नारद और पर्वत का अज शब्द के अर्थ पर विवाद हुआ था । पर्वत मरकर एक राक्षस हुआ । उसने इस प्रकार के यज्ञों का प्रचार किया । पद्मपुराण 11. 86</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक यज्ञ । इसमें पिता को होमा जाता है । राजा वसु के समय में नारद और पर्वत का अज शब्द के अर्थ पर विवाद हुआ था । पर्वत मरकर एक राक्षस हुआ । उसने इस प्रकार के यज्ञों का प्रचार किया । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_11#86|पद्मपुराण - 11.86]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
एक यज्ञ । इसमें पिता को होमा जाता है । राजा वसु के समय में नारद और पर्वत का अज शब्द के अर्थ पर विवाद हुआ था । पर्वत मरकर एक राक्षस हुआ । उसने इस प्रकार के यज्ञों का प्रचार किया । पद्मपुराण - 11.86