भोजनांग: Difference between revisions
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<p> कल्पवृक्षों की एक जाति । ये भोगभूमि के मनुष्यों के लिए इच्छित छ: प्रकार के रसों से परिपूर्ण, | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> कल्पवृक्षों की एक जाति । ये भोगभूमि के मनुष्यों के लिए इच्छित छ: प्रकार के रसों से परिपूर्ण, अत्यंत स्वादिष्ट खाद्य, स्वाद्य, लेह्य और पेय के भेद से चार प्रकार की भोजन सामग्री प्रदान करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 9.35-36,45, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_7#80|हरिवंशपुराण - 7.80]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_7#85|हरिवंशपुराण - 7.85]], </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.91-92 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
कल्पवृक्षों की एक जाति । ये भोगभूमि के मनुष्यों के लिए इच्छित छ: प्रकार के रसों से परिपूर्ण, अत्यंत स्वादिष्ट खाद्य, स्वाद्य, लेह्य और पेय के भेद से चार प्रकार की भोजन सामग्री प्रदान करते हैं । महापुराण 9.35-36,45, हरिवंशपुराण - 7.80,हरिवंशपुराण - 7.85, वीरवर्द्धमान चरित्र 18.91-92