विजयस्यंदन: Difference between revisions
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<p id="2">(2) वज्रबाहु का बाबा । अपने नाती के दीक्षित हो जाने पर यह भोगों से उदासीन हो गया था । अत इसने छोटे पोते | <p id="2" class="HindiText">(2) वज्रबाहु का बाबा । अपने नाती के दीक्षित हो जाने पर यह भोगों से उदासीन हो गया था । अत: इसने छोटे पोते पुरंदर को राज्य सौंपकर पुत्र सुरेंद्रमंयु के साथ निर्वाणघोष मुनि से दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_21#128|पद्मपुराण - 21.128-129]], 138-139 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) राजा अतिवीर्य और रानी अरविंदा का पुत्र । पद्मपुराण - 38.1 देखें विजयसुंदरी
(2) वज्रबाहु का बाबा । अपने नाती के दीक्षित हो जाने पर यह भोगों से उदासीन हो गया था । अत: इसने छोटे पोते पुरंदर को राज्य सौंपकर पुत्र सुरेंद्रमंयु के साथ निर्वाणघोष मुनि से दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण - 21.128-129, 138-139