हेतुविचय: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(6 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद-तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद - तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_56#50|हरिवंशपुराण - 56.50]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ हेतुवाद | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ हेत्वंतर | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ह]] | [[Category: ह]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:31, 27 November 2023
धर्मध्यान के दस भेदों में दसवाँ भेद - तर्क का अनुसरण और स्याद्वाद आश्रम लेकर समीचीन मार्ग का ग्रहण करना अथवा उसका चिंतन करना । हरिवंशपुराण - 56.50