आराधना सार: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">1. आचार्य देवसेन (वि.990-1012) कृत 115 पद्मबद्ध चतुर्विध आराधना विषयक संस्कृत ग्रंथ। <br> | |||
<p>( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/366; 3/317)।</p> | 2. आचार्य रविचंद्र (ई.श.12-13) कृत चतुर्विध आराधना विषयक संस्कृत पद्यबद्ध ग्रंथ</p> | ||
<p><span class="GRef">( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/366; 3/317)</span>।</p> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ आराधना संग्रह | [[ आराधना संग्रह | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ आराहक | [[ आराहक | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: आ]] | [[Category: आ]] | ||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 22:16, 17 November 2023
1. आचार्य देवसेन (वि.990-1012) कृत 115 पद्मबद्ध चतुर्विध आराधना विषयक संस्कृत ग्रंथ।
2. आचार्य रविचंद्र (ई.श.12-13) कृत चतुर्विध आराधना विषयक संस्कृत पद्यबद्ध ग्रंथ
( तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा , पृष्ठ 2/366; 3/317)।