रज्जु: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
|||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> लोक को नापने का एक प्रमाण विशेष । मध्यलोक का विस्तार एक | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> लोक को नापने का एक प्रमाण विशेष । मध्यलोक का विस्तार एक रज्जु है । समस्त लोक की ऊँचाई चौदह रज्जु है । <span class="GRef"> (महापुराण 5.44-45), </span><span class="GRef"> ([[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#9|हरिवंशपुराण - 4.9-10]]) </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ रजोवली | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ रजोवली | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ रज्जू | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: र]] | [[Category: र]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
लोक को नापने का एक प्रमाण विशेष । मध्यलोक का विस्तार एक रज्जु है । समस्त लोक की ऊँचाई चौदह रज्जु है । (महापुराण 5.44-45), (हरिवंशपुराण - 4.9-10)