रत्नमय-पूजा: Difference between revisions
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एक पूजा । इसमें रत्नों के अर्ध, गंगाजल, रत्नज्योति के द्वीप, मोतियों के अक्षत, अमृतपिंड से निर्मित नैवेद्य, कल्पवृक्षों से निर्मित धूप और फल के रूप में रत्ननिधियां चढ़ाई जाती है । भरतेश ने बाहुबलि के मुनि होने पर उनकी ऐसी ही पूजा की थी । (महापुराण 36.193-195)