अमृतस्वर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) पद्मिनी नगरी के राजा विजयपर्वत का शास्त्रज्ञान में निपुण और राजकर्त्तव्य में कुशल दूत । इसकी भार्या उपयोगा से उदित और मुदित नाम के दो पुत्र हुए थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39.84-86 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) पद्मिनी नगरी के राजा विजयपर्वत का शास्त्रज्ञान में निपुण और राजकर्त्तव्य में कुशल दूत । इसकी भार्या उपयोगा से उदित और मुदित नाम के दो पुत्र हुए थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#84|पद्मपुराण - 39.84-86]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) लवणांकुश के दीक्षागुरु । <span class="GRef"> पद्मपुराण 115.58-59 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) लवणांकुश के दीक्षागुरु । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_115#58|पद्मपुराण - 115.58-59]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
(1) पद्मिनी नगरी के राजा विजयपर्वत का शास्त्रज्ञान में निपुण और राजकर्त्तव्य में कुशल दूत । इसकी भार्या उपयोगा से उदित और मुदित नाम के दो पुत्र हुए थे । पद्मपुराण - 39.84-86
(2) लवणांकुश के दीक्षागुरु । पद्मपुराण - 115.58-59