आत्मद्यात: Difference between revisions
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<p> ऐसे मरण से जीव चिरकाल तक कच्चे गर्भ में दु:ख प्राप्त करते हैं और वे गर्भ पूर्ण हुए बिना ही मर जाते हैं । <span class="GRef"> पद्मपुराण 12. 47-48 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> ऐसे मरण से जीव चिरकाल तक कच्चे गर्भ में दु:ख प्राप्त करते हैं और वे गर्भ पूर्ण हुए बिना ही मर जाते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#47|पद्मपुराण - 12.47-48]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
ऐसे मरण से जीव चिरकाल तक कच्चे गर्भ में दु:ख प्राप्त करते हैं और वे गर्भ पूर्ण हुए बिना ही मर जाते हैं । पद्मपुराण - 12.47-48