औषधि ऋद्धि: Difference between revisions
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<span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय संख्या ३/३६/३/२०३/२४</span> <p class="SanskritText">औषधर्द्धिरष्टविधा-असाध्यानामप्यामयानां सर्वेषां विनिवृत्तिहेतुरामर्शक्ष्वेलजल्लमलविट्सर्वौषधिप्राप्तास्याविषदृष्टिविषविकल्पात्। </p><p class="HindiText">= असाध्य भी सर्व रोगों की निवृत्ति की हेतुभूत '''औषध-ऋद्धि''' आठ प्रकार की है - आमर्ष, क्ष्वेल, जल्ल, मल, विट्, सर्व, आस्याविष और दृष्टिविष।</p> | |||
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<p> तप से प्राप्त एक ऋद्धि । यह अनेक प्रकार को होती है । बाहुबली को उनके घोर तप से यह ऋद्धि प्राप्त हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 36.153 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> तप से प्राप्त एक ऋद्धि । यह अनेक प्रकार को होती है । बाहुबली को उनके घोर तप से यह ऋद्धि प्राप्त हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 36.153 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
राजवार्तिक अध्याय संख्या ३/३६/३/२०३/२४
औषधर्द्धिरष्टविधा-असाध्यानामप्यामयानां सर्वेषां विनिवृत्तिहेतुरामर्शक्ष्वेलजल्लमलविट्सर्वौषधिप्राप्तास्याविषदृष्टिविषविकल्पात्।
= असाध्य भी सर्व रोगों की निवृत्ति की हेतुभूत औषध-ऋद्धि आठ प्रकार की है - आमर्ष, क्ष्वेल, जल्ल, मल, विट्, सर्व, आस्याविष और दृष्टिविष।
अधिक जानकारी के लिये देखें ऋद्धि - 7।
पुराणकोष से
तप से प्राप्त एक ऋद्धि । यह अनेक प्रकार को होती है । बाहुबली को उनके घोर तप से यह ऋद्धि प्राप्त हुई थी । महापुराण 36.153