कलि चतुर्दशी व्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
विधि—आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, इन चार महीनों की शुक्ल चतुर्दशियों को बराबर 4 वर्ष तक उपवास करना। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य। (व्रत-विधान संग्रह/पृ.103) | <span class="HindiText"> विधि—आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, इन चार महीनों की शुक्ल चतुर्दशियों को बराबर 4 वर्ष तक उपवास करना। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य।<br> <span class="GRef"> (व्रत-विधान संग्रह/पृ.103)</span> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 16:40, 10 September 2022
विधि—आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, इन चार महीनों की शुक्ल चतुर्दशियों को बराबर 4 वर्ष तक उपवास करना। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य।
(व्रत-विधान संग्रह/पृ.103)