कुब्जक संस्थान: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
देखें [[ संस्थान ]]। | <p><span class="GRef"> राजवार्तिक/8/11/8/577/2 </span><span class="SanskritText">पृष्ठप्रदेशभाविबहुपुद्गलप्रचयविशेषलक्षणस्य निर्वर्तकं कुब्जसंस्थाननाम।</span> =<span class="HindiText">पीठ पर बहुत पुद्गलों का पिंड हो जाना अर्थात् कुबड़ापन '''कुब्जक संस्थान''' है।</span></p> | ||
<p><span class="GRef"> धवला 6/1,9-1,34/71/6 </span><span class="PrakritText">कुब्जस्य शरीरं कुब्जशरीरम् । तस्य कुब्जशरीरस्य संस्थानमिव संस्थानं यस्य तत्कुब्जशरीरसंस्थानम् । 'जस्स कम्मस्स उदएण साहाणं दीहत्तं मज्झस्स रहस्सत्तं च होदि तस्स खुज्जशरीरसंठाणमिदि सण्णा।</span> = <span class="HindiText">कुबड़े शरीर को कुब्ज शरीर कहते हैं। उस कुब्ज शरीर के संस्थान के समान संस्थान जिस शरीर का होता है, वह कुब्ज शरीर संस्थान है। जिस कर्म के उदय से शाखाओं की दीर्घता और मध्य भाग के ह्रस्वता होती है, उसकी ''''कुब्ज शरीर संस्थान'''' यह संज्ञा है। <span class="GRef">( धवला 13/5,5,107/368/12 )</span>।</span></p> | |||
<span class="HindiText"> देखें [[ संस्थान ]]। | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 12: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 22:20, 17 November 2023
राजवार्तिक/8/11/8/577/2 पृष्ठप्रदेशभाविबहुपुद्गलप्रचयविशेषलक्षणस्य निर्वर्तकं कुब्जसंस्थाननाम। =पीठ पर बहुत पुद्गलों का पिंड हो जाना अर्थात् कुबड़ापन कुब्जक संस्थान है।
धवला 6/1,9-1,34/71/6 कुब्जस्य शरीरं कुब्जशरीरम् । तस्य कुब्जशरीरस्य संस्थानमिव संस्थानं यस्य तत्कुब्जशरीरसंस्थानम् । 'जस्स कम्मस्स उदएण साहाणं दीहत्तं मज्झस्स रहस्सत्तं च होदि तस्स खुज्जशरीरसंठाणमिदि सण्णा। = कुबड़े शरीर को कुब्ज शरीर कहते हैं। उस कुब्ज शरीर के संस्थान के समान संस्थान जिस शरीर का होता है, वह कुब्ज शरीर संस्थान है। जिस कर्म के उदय से शाखाओं की दीर्घता और मध्य भाग के ह्रस्वता होती है, उसकी 'कुब्ज शरीर संस्थान' यह संज्ञा है। ( धवला 13/5,5,107/368/12 )।
देखें संस्थान ।