घोष प्रायोगिक शब्द: Difference between revisions
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<span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/5/24/294-295/12 </span><span class="SanskritText">शब्दो द्विविधो भाषालक्षणो विपरीतश्चेति।...अभाषात्मनो द्विविध: प्रायोगिकी वैस्रसिकश्चेति। प्रायोगिकश्चतुर्धा ततविततघनसौषिरभेदात् ।</span> | |||
<span class="HindiText">= भाषारूप शब्द और अभाषारूप शब्द इस प्रकार शब्दों के दो भेद हैं।...अभाषात्मक शब्द दो प्रकार के हैं-प्रायोगिक और वैस्रसिक।...तथा तत, वितत, घन और सौषिर के भेद से '''प्रायोगिक शब्द''' चार प्रकार है। </span> | |||
<span class="GRef"> धवला 13/5,5,26/221/6 </span><span class="SanskritText">छव्विहो तद-विदद-घण-सुसिर-घोस-भास भेएण।</span> | |||
<span class="HindiText">= वह छह प्रकार है-तत, वितत, घन, सुषिर, '''घोष''' और भाषा।</span></p> | |||
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सर्वार्थसिद्धि/5/24/294-295/12 शब्दो द्विविधो भाषालक्षणो विपरीतश्चेति।...अभाषात्मनो द्विविध: प्रायोगिकी वैस्रसिकश्चेति। प्रायोगिकश्चतुर्धा ततविततघनसौषिरभेदात् । = भाषारूप शब्द और अभाषारूप शब्द इस प्रकार शब्दों के दो भेद हैं।...अभाषात्मक शब्द दो प्रकार के हैं-प्रायोगिक और वैस्रसिक।...तथा तत, वितत, घन और सौषिर के भेद से प्रायोगिक शब्द चार प्रकार है। धवला 13/5,5,26/221/6 छव्विहो तद-विदद-घण-सुसिर-घोस-भास भेएण।
= वह छह प्रकार है-तत, वितत, घन, सुषिर, घोष और भाषा।
देखें शब्द ।