चार: Difference between revisions
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<p> गुप्तचर । ये राजा की आँख होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 4.170, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 50.11 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> गुप्तचर । ये राजा की आँख होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 4.170, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_50#11|हरिवंशपुराण - 50.11]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 21:49, 25 January 2024
सिद्धांतकोष से
चार की संख्या कृति कहलाती है–देखें कृति ।
पुराणकोष से
गुप्तचर । ये राजा की आँख होते हैं । महापुराण 4.170, हरिवंशपुराण - 50.11