जिनमती: Difference between revisions
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<p> सुग्रीव की तेरहवी पुत्री । यह राम के गुणों पर मुग्ध होकर स्वयंवरण की इच्छा में राम के निकट गयी थी | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सुग्रीव की तेरहवी पुत्री । यह राम के गुणों पर मुग्ध होकर स्वयंवरण की इच्छा में राम के निकट गयी थी किंतु राम ने उसे स्वीकार नहीं किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_47#136|पद्मपुराण - 47.136-144]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
सुग्रीव की तेरहवी पुत्री । यह राम के गुणों पर मुग्ध होकर स्वयंवरण की इच्छा में राम के निकट गयी थी किंतु राम ने उसे स्वीकार नहीं किया था । पद्मपुराण - 47.136-144