आलापन बंध: Difference between revisions
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<li class="HindiText"> नोकर्म बंध पाँच प्रकार का है - '''आलापन''', अल्ललीवन, संश्लेष, शरीर व शरीरी <span class="GRef">( राजवार्तिक/5/24/9/487/35 )</span> ।</li> | |||
<span class="GRef"> षट्खंडागम 14/5, 6/सूत्र 41-63/38-46 </span> <span class="PrakritText">जो सो आलावणबंधो णाम तस्स इमो णिद्देसो - सेसगहाणं वा जावाणं वा जुगाणं वा गड्डीणं वा गिल्लीणं वा रहाणं वा संदणाणं वा सिवियाणं वा गिहाणं वा पासादाणं वा गोवुराणं वा तोरणाणं वा से कट्ठेण वा लोहेण या रज्जुणा वा वब्भेण वा दब्भेण वा जे चामण्णे एवमादिया अण्णदव्वाणमण्णदव्वेहि आलावियाणं बंधो होदि सो सव्वो आलावणबंधो णाम ।41। ..........। <span class="GRef"> राजवार्तिक )</span> ।</span> = | |||
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<li class="HindiText"> जो आलापनबंध है उसका यह निर्देश है - जो शकटों का, यानों का, युगों का, गड्डियों का, गिल्लियों का, रथों का, स्यंदनों का, शिविकाओं, गृहों, प्रासादों, गोपुरों और तोरणों का काष्ट से, लोह, रस्सी, चमड़े की रस्सी और दर्भ से जो बंध होता है तथा इनसे लेकर अन्य द्रव्यों से आलापित अन्य द्रव्यों का जो बंध होता है वह सब '''आलापनबंध''' है ।41। </span></li> | |||
<p class ="HindiText"> देखें [[ बंध#1.2.2 | बंध - 1.2.2]]।</p> | |||
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षट्खंडागम 14/5,6/सूत्र नं./पृष्ठ नं. ....... जो सो णोकम्मबंधो णाम सो पंचविहो-आलावबंधो अल्लीवणबंधो संसिलेसबंधो सरीरबंदो सरीरिबंधो चेदि (40/37) ..... ।
- नोकर्म बंध पाँच प्रकार का है - आलापन, अल्ललीवन, संश्लेष, शरीर व शरीरी ( राजवार्तिक/5/24/9/487/35 ) । षट्खंडागम 14/5, 6/सूत्र 41-63/38-46 जो सो आलावणबंधो णाम तस्स इमो णिद्देसो - सेसगहाणं वा जावाणं वा जुगाणं वा गड्डीणं वा गिल्लीणं वा रहाणं वा संदणाणं वा सिवियाणं वा गिहाणं वा पासादाणं वा गोवुराणं वा तोरणाणं वा से कट्ठेण वा लोहेण या रज्जुणा वा वब्भेण वा दब्भेण वा जे चामण्णे एवमादिया अण्णदव्वाणमण्णदव्वेहि आलावियाणं बंधो होदि सो सव्वो आलावणबंधो णाम ।41। ..........। राजवार्तिक ) । =
- जो आलापनबंध है उसका यह निर्देश है - जो शकटों का, यानों का, युगों का, गड्डियों का, गिल्लियों का, रथों का, स्यंदनों का, शिविकाओं, गृहों, प्रासादों, गोपुरों और तोरणों का काष्ट से, लोह, रस्सी, चमड़े की रस्सी और दर्भ से जो बंध होता है तथा इनसे लेकर अन्य द्रव्यों से आलापित अन्य द्रव्यों का जो बंध होता है वह सब आलापनबंध है ।41।
देखें बंध - 1.2.2।