भगवती आराधना: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>आ. शिवकोटि (ई.श.1) कृत में 2279 प्राकृत गाथाबद्ध यत्याचार विषयक | <p class="HindiText">आ. शिवकोटि (ई.श.1) कृत में 2279 प्राकृत गाथाबद्ध यत्याचार विषयक ग्रंथ है। इस ग्रंथ पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं–</p> | ||
<ol> | <ol> | ||
<li> आराधना पंजिका नाम की एक टीका है जिसका कर्ता व काल अज्ञात है। </li> | <li class="HindiText"> आराधना पंजिका नाम की एक टीका है जिसका कर्ता व काल अज्ञात है। </li> | ||
<li> आ. अपराजित (वि. 793) द्वारा विरचित विजयोदया नाम की विस्तृत संस्कृत टीका। </li> | <li class="HindiText"> आ. अपराजित (वि. 793) द्वारा विरचित विजयोदया नाम की विस्तृत संस्कृत टीका। </li> | ||
<li> इस | <li class="HindiText"> इस ग्रंथ की गाथाओं के अनुरूप आ. अमितगति (ई. 983-1023) द्वारा रचित स्वतंत्र श्लोक। </li> | ||
<li> पं. आशाधर (ई. 1173-1243) द्वारा विरचित मूल आराधना नाम की संस्कृत टीका। </li> | <li class="HindiText"> पं. आशाधर (ई. 1173-1243) द्वारा विरचित मूल आराधना नाम की संस्कृत टीका। </li> | ||
<li> पं. शिवजित (वि. 1818) द्वारा विरचित भावार्थ दीपिका नाम की भाषा टीका। </li> | <li class="HindiText"> पं. शिवजित (वि. 1818) द्वारा विरचित भावार्थ दीपिका नाम की भाषा टीका। </li> | ||
<li> पं. सदासुखदास (ई. 1795-1866) द्वारा विजयोदया टीका की देशभाषारूप टीका।(जै/2/126,128)। </li> | <li class="HindiText"> पं. सदासुखदास (ई. 1795-1866) द्वारा विजयोदया टीका की देशभाषारूप टीका।(जै/2/126,128)। </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 16: | Line 16: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: भ]] | [[Category: भ]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 21:01, 15 February 2024
आ. शिवकोटि (ई.श.1) कृत में 2279 प्राकृत गाथाबद्ध यत्याचार विषयक ग्रंथ है। इस ग्रंथ पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं–
- आराधना पंजिका नाम की एक टीका है जिसका कर्ता व काल अज्ञात है।
- आ. अपराजित (वि. 793) द्वारा विरचित विजयोदया नाम की विस्तृत संस्कृत टीका।
- इस ग्रंथ की गाथाओं के अनुरूप आ. अमितगति (ई. 983-1023) द्वारा रचित स्वतंत्र श्लोक।
- पं. आशाधर (ई. 1173-1243) द्वारा विरचित मूल आराधना नाम की संस्कृत टीका।
- पं. शिवजित (वि. 1818) द्वारा विरचित भावार्थ दीपिका नाम की भाषा टीका।
- पं. सदासुखदास (ई. 1795-1866) द्वारा विजयोदया टीका की देशभाषारूप टीका।(जै/2/126,128)।