रविकीर्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1">(1) भरतेश का पुत्र । इसने जयकुमार के साथ तीर्थकर वृषभदेव से दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 47.281-284 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) भरतेश का पुत्र । इसने जयकुमार के साथ तीर्थकर वृषभदेव से दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 47.281-284 </span></p> | ||
<p id="2">(2) रावण का एक सेनापति । इसकी ध्वजा हरिण से अंकित थी । रावण ने रणभेरी बजाने का इसे ही आदेश दिया था । और इसने भी विनयपूर्वक उसका पालन किया था । <span class="GRef"> महापुराण 68.531-532 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) रावण का एक सेनापति । इसकी ध्वजा हरिण से अंकित थी । रावण ने रणभेरी बजाने का इसे ही आदेश दिया था । और इसने भी विनयपूर्वक उसका पालन किया था । <span class="GRef"> महापुराण 68.531-532 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 11: | Line 11: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: र]] | [[Category: र]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) भरतेश का पुत्र । इसने जयकुमार के साथ तीर्थकर वृषभदेव से दीक्षा ले ली थी । महापुराण 47.281-284
(2) रावण का एक सेनापति । इसकी ध्वजा हरिण से अंकित थी । रावण ने रणभेरी बजाने का इसे ही आदेश दिया था । और इसने भी विनयपूर्वक उसका पालन किया था । महापुराण 68.531-532