वर: Difference between revisions
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<p id="1">(1) समवसरण के तीसरे कोट की पूर्वदिशा में स्थित गोपुर के आठ नामों में आठवाँ नाम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.56-57 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) समवसरण के तीसरे कोट की पूर्वदिशा में स्थित गोपुर के आठ नामों में आठवाँ नाम । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#56|हरिवंशपुराण - 57.56-57]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) प्रचलित विवाहविधि से कन्या ग्रहण करने वाला पुरुष । कन्या देने के पूर्व इसमें निम्न गुण देखे जाते हैं― कुलीनता, आरोग्यता, अवस्था, शील, श्रुत, शरीर, लक्ष्मी, पक्ष और परिवार । <span class="GRef"> महापुराण 62.64 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) प्रचलित विवाहविधि से कन्या ग्रहण करने वाला पुरुष । कन्या देने के पूर्व इसमें निम्न गुण देखे जाते हैं― कुलीनता, आरोग्यता, अवस्था, शील, श्रुत, शरीर, लक्ष्मी, पक्ष और परिवार । <span class="GRef"> महापुराण 62.64 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) समवसरण के तीसरे कोट की पूर्वदिशा में स्थित गोपुर के आठ नामों में आठवाँ नाम । हरिवंशपुराण - 57.56-57
(2) प्रचलित विवाहविधि से कन्या ग्रहण करने वाला पुरुष । कन्या देने के पूर्व इसमें निम्न गुण देखे जाते हैं― कुलीनता, आरोग्यता, अवस्था, शील, श्रुत, शरीर, लक्ष्मी, पक्ष और परिवार । महापुराण 62.64