विजयपर्वत: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) चक्रवर्ती भरतेश का हाथी । भरतेश ने इसी हाथी पर बैठकर विजया पर्वत की तमिस्र गुफा में प्रवेश किया था । <span class="GRef"> महापुराण 28. 4-6, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 11. 25 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) चक्रवर्ती भरतेश का हाथी । भरतेश ने इसी हाथी पर बैठकर विजया पर्वत की तमिस्र गुफा में प्रवेश किया था । <span class="GRef"> महापुराण 28. 4-6, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_11#25|हरिवंशपुराण - 11.25]] </span></p> | ||
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<p id="3">(3) पद्मिनी नगरी का राजा । धारिणी इसकी रानी थी । आचार्य मतिवर्धन का उपदेश सुनकर यह मुनि हो गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39.84, 127 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) पद्मिनी नगरी का राजा । धारिणी इसकी रानी थी । आचार्य मतिवर्धन का उपदेश सुनकर यह मुनि हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#84|पद्मपुराण - 39.84]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#127|127]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) चक्रवर्ती भरतेश का हाथी । भरतेश ने इसी हाथी पर बैठकर विजया पर्वत की तमिस्र गुफा में प्रवेश किया था । महापुराण 28. 4-6, हरिवंशपुराण - 11.25
(2) लक्ष्मण का हाथी । लक्ष्मण इसी पर बैठकर रावण से युद्ध करने गया था । महापुराण 68.542-546
(3) पद्मिनी नगरी का राजा । धारिणी इसकी रानी थी । आचार्य मतिवर्धन का उपदेश सुनकर यह मुनि हो गया था । पद्मपुराण - 39.84, 127
(4) कौरववंशी तीर्थंकर अरनाथ का हाथी । पांडवपुराण 7.23