विमल सूरि: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Sunehanayak (talk | contribs) mNo edit summary |
||
(2 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
विजय सूरि के शिष्य और आ. राहू के प्रशिष्य यापनीय संघी। प्राकृत काव्य रचना में अग्रगण्य। कृतियें पउमचरियं, हरिवंश चरियं। समय–पउमचरियं का रचनाकाल | विजय सूरि के शिष्य और आ. राहू के प्रशिष्य यापनीय संघी। प्राकृत काव्य रचना में अग्रगण्य। कृतियें पउमचरियं, हरिवंश चरियं। समय–पउमचरियं का रचनाकाल ग्रंथ की प्रशस्ति के अनुसार ई. श. 1 (ई. 34), परंतु जैकोवी के अनुसार ई. श. 4। (ती./2/257)। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ विमल | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ विमल | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ विमलकांतार | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 17:18, 24 September 2022
विजय सूरि के शिष्य और आ. राहू के प्रशिष्य यापनीय संघी। प्राकृत काव्य रचना में अग्रगण्य। कृतियें पउमचरियं, हरिवंश चरियं। समय–पउमचरियं का रचनाकाल ग्रंथ की प्रशस्ति के अनुसार ई. श. 1 (ई. 34), परंतु जैकोवी के अनुसार ई. श. 4। (ती./2/257)।