सत्यक: Difference between revisions
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<p id="4">(4) | <p id="4" class="HindiText">(4) गांधार देश के महीपुर नगर का राजा । इसने राजा चेटक की ज्येष्ठा पुत्री के लिए प्रस्ताव रखा था, किंतु स्वीकृत न होने से इतने चेटक से युद्ध भी किया था । युद्ध में पराजित हो जाने से लज्जित होकर दमवर मुनि के पास दीक्षित हो गया था । <span class="GRef"> महापुराण 75. 13-14 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
(1) राजा शांतनू का पौत्र और राजा शिव का पुत्र । इसके पुत्र का नाम वज्रधर्मा था । इसने कृष्ण और जरासंध के बीच हुए युद्ध में कृष्ण की ओर से युद्ध दिया था । महापुराण 71.74, हरिवंशपुराण - 48.40-41, 50. 124, 52.14
(2) रत्नपुर नगर का निवासी एक ब्राह्मण । इसने जंबूद्वीप के मगध देश में अचलग्राम के धरणीजट ब्राह्मण की दासी के पुत्र कपिल के साथ अपनी पुत्री विवाही थी । महापुराण 62.325-329
(3) नंदिवर्धन मुनि के संघ के एक मुनि । अभिभूति और वायुभूति ब्राह्मणों ने इनसे शास्त्रार्थ किया था । इसमें ये दोनों पराजित हुए । पराजय होने से क्षुब्ध होकर दोनों ब्राह्मण इन्हें मारने को उद्यत हुए किंतु सुवर्णयक्ष ने उन्हें कील दिया था । उसने जैनधर्म स्वीकार कर लेने पर ही उन्हें मुक्त किया था । महापुराण 72.3-22
(4) गांधार देश के महीपुर नगर का राजा । इसने राजा चेटक की ज्येष्ठा पुत्री के लिए प्रस्ताव रखा था, किंतु स्वीकृत न होने से इतने चेटक से युद्ध भी किया था । युद्ध में पराजित हो जाने से लज्जित होकर दमवर मुनि के पास दीक्षित हो गया था । महापुराण 75. 13-14