हुल्लराज: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
अपर नाम हुल्लप था। यह वाजिवंश के यक्षराज और | <span class="HindiText"> अपर नाम हुल्लप था। यह वाजिवंश के यक्षराज और लोकबिंब के पुत्र थे। तथा यदुवंशी राजा नरसिंह के मंत्री थे। जैनधर्म के श्रद्धालु थे। अनेकों शिलालेखों में इनका उल्लेख पाया जाता है। शक संम्वत् 1085 (ईस्वी 1163); शक संम्वत् 1087 में कोप्य महातीर्थ में जैनमुनि संघ को दान दिया। समय - शक संम्वत् 1075-1090 (ईस्वी 1153-1168);</span> <span class="GRef">( धवला 2/ प्रस्तावना/5 H.L.Jain)</span> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: ह]] | [[Category: ह]] | ||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 22:36, 17 November 2023
अपर नाम हुल्लप था। यह वाजिवंश के यक्षराज और लोकबिंब के पुत्र थे। तथा यदुवंशी राजा नरसिंह के मंत्री थे। जैनधर्म के श्रद्धालु थे। अनेकों शिलालेखों में इनका उल्लेख पाया जाता है। शक संम्वत् 1085 (ईस्वी 1163); शक संम्वत् 1087 में कोप्य महातीर्थ में जैनमुनि संघ को दान दिया। समय - शक संम्वत् 1075-1090 (ईस्वी 1153-1168); ( धवला 2/ प्रस्तावना/5 H.L.Jain)