अद्वैत नय: Difference between revisions
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<span class="GRef">प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / परिशिष्ट नय सं.45 </span><p class="SanskritText">निश्चयनयेन केवलबध्यमानमुच्यमानबंधमोक्षोचितस्निग्धरूक्षत्वगुणपरिणतपरमाणुवद्बंधमोक्षयोरद्वैतानुवर्ति ॥45॥ </p> | |||
<p class="HindiText">= आत्मद्रव्य | <p class="HindiText">= आत्मद्रव्य निश्चयनय से बंध और मोक्ष में अद्वैत का अनुसरण करने वाला है, अकेले बध्यमान और मुच्यमान ऐसे बंधमोक्षोचित स्निग्धत्व-रूक्षत्व गुणरूप परिणत परमाणु की भाँति।</p><br> | ||
<p>1. ज्ञान-ज्ञेय द्वैताद्वैत नय</p> | |||
<p class="SanskritText">प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / परिशिष्ट नय सं.24-25 ज्ञानज्ञेयाद्वैतनयेन | <p class="HindiText">1. ज्ञान-ज्ञेय द्वैताद्वैत नय</p> | ||
<p class="HindiText">= आत्म द्रव्य ज्ञान-ज्ञेय- | <p class="SanskritText">प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / परिशिष्ट नय सं.24-25 ज्ञानज्ञेयाद्वैतनयेन महदिंधनभारपरिणतधूमकेतुवदेकम् ॥24॥ ज्ञानज्ञेयद्वैतनयेन परप्रतिबिंबसंपृक्तदर्पणवदनेकं ॥25॥ </p> | ||
<p class="HindiText">= आत्म द्रव्य ज्ञान-ज्ञेय-अद्वैतनय से (ज्ञान और ज्ञेय के अद्वैतरूप नय से) महान् ईंधनसमूह रूप परिणत अग्नि की भाँति एक है ।24। <br> | |||
आत्म द्रव्य ज्ञान-ज्ञेय द्वैतरूपनय से, पर के प्रतिबिंबों से संपृक्त दर्पण की भाँति अनेक है ।25।</p> | |||
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Latest revision as of 06:18, 18 September 2022
प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / परिशिष्ट नय सं.45
निश्चयनयेन केवलबध्यमानमुच्यमानबंधमोक्षोचितस्निग्धरूक्षत्वगुणपरिणतपरमाणुवद्बंधमोक्षयोरद्वैतानुवर्ति ॥45॥
= आत्मद्रव्य निश्चयनय से बंध और मोक्ष में अद्वैत का अनुसरण करने वाला है, अकेले बध्यमान और मुच्यमान ऐसे बंधमोक्षोचित स्निग्धत्व-रूक्षत्व गुणरूप परिणत परमाणु की भाँति।
1. ज्ञान-ज्ञेय द्वैताद्वैत नय
प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / परिशिष्ट नय सं.24-25 ज्ञानज्ञेयाद्वैतनयेन महदिंधनभारपरिणतधूमकेतुवदेकम् ॥24॥ ज्ञानज्ञेयद्वैतनयेन परप्रतिबिंबसंपृक्तदर्पणवदनेकं ॥25॥
= आत्म द्रव्य ज्ञान-ज्ञेय-अद्वैतनय से (ज्ञान और ज्ञेय के अद्वैतरूप नय से) महान् ईंधनसमूह रूप परिणत अग्नि की भाँति एक है ।24।
आत्म द्रव्य ज्ञान-ज्ञेय द्वैतरूपनय से, पर के प्रतिबिंबों से संपृक्त दर्पण की भाँति अनेक है ।25।