उत्तरगुण: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
< | == सिद्धांतकोष से == | ||
<p class="HindiText">= जिसने संयम धारण किया है, उसको सामायिकादिक, और अनशनादिक भी रहते हैं। अतः | <span class="GRef">भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 116/277/8</span> <p class="SanskritText">प्रगृहीतसंयमस्य सामायिकादिकं अनशनादिकं च वर्तते इति उत्तरगुणत्वं सामायिकादेस्तपसश्च।</p> | ||
<p>• साधु व | <p class="HindiText">= जिसने संयम धारण किया है, उसको सामायिकादिक, और अनशनादिक भी रहते हैं। अतः सामायिकादि को और तप को उत्तरगुणपना है।</p> | ||
<p class="HindiText">• साधु व श्रावक के उत्तरगुण - देखें [[ साधु#2 | साधु - 2 ]]तथा [[ श्रावक#5 | श्रावक 5]] ।</p> | |||
Line 16: | Line 17: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> मुनियों के चौरासी लाख गुण । <span class="GRef"> महापुराण 36.135 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मुनियों के चौरासी लाख गुण । <span class="GRef"> महापुराण 36.135 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 27: | Line 28: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: उ]] | [[Category: उ]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 116/277/8
प्रगृहीतसंयमस्य सामायिकादिकं अनशनादिकं च वर्तते इति उत्तरगुणत्वं सामायिकादेस्तपसश्च।
= जिसने संयम धारण किया है, उसको सामायिकादिक, और अनशनादिक भी रहते हैं। अतः सामायिकादि को और तप को उत्तरगुणपना है।
• साधु व श्रावक के उत्तरगुण - देखें साधु - 2 तथा श्रावक 5 ।
पुराणकोष से
मुनियों के चौरासी लाख गुण । महापुराण 36.135