कालवाद: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Komaljain7 (talk | contribs) No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">कालवाद का मिथ्या निर्देश </p> | <p class="HindiText">कालवाद का मिथ्या निर्देश </p> | ||
<p> गोम्मटसार | <p><span class="GRef"> गोम्मटसार कर्मकांड/879/1065 </span><span class="PrakritGatha">कालो सव्वं जणयदि कालो सव्व विणस्सदे भूदं। जागत्ति हि सुत्तेसु वि ण सक्कदे वंचिदुं कालो।879।</span>=<span class="HindiText">काल ही सर्व कौ उपजावै है काल ही सर्व कौ विनाशै है। सूताप्राणिनि विषैं भी काल ही प्रगट जागै है काल के ढिगने कौं वंचने कौं समर्थ न होइए है। अैसें काल ही करि सबकौं मानना सो कालवाद का अर्थ जानना।879। </span></p> | ||
<p> </p> | <p> </p> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:20, 3 August 2022
कालवाद का मिथ्या निर्देश
गोम्मटसार कर्मकांड/879/1065 कालो सव्वं जणयदि कालो सव्व विणस्सदे भूदं। जागत्ति हि सुत्तेसु वि ण सक्कदे वंचिदुं कालो।879।=काल ही सर्व कौ उपजावै है काल ही सर्व कौ विनाशै है। सूताप्राणिनि विषैं भी काल ही प्रगट जागै है काल के ढिगने कौं वंचने कौं समर्थ न होइए है। अैसें काल ही करि सबकौं मानना सो कालवाद का अर्थ जानना।879।