अग्निदेव: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(9 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | | ||
< | == सिद्धांतकोष से == | ||
< | <div class="HindiText"> <p>• भूतकालीन 11वें तीर्थंकर – देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]]।</p> | ||
< | <p>• लोकपालों के भेद रूप अग्नि। - देखें [[ लोकपाल ]]।</p> | ||
< | <p>• आकाशोपपन्न देव बारह प्रकार के हैं। उनमें से एक अनलकायिक देव है। अधिक जानकारी के लिए - देखें [[ देव#II.1 | देव - II.1]]।</p> | ||
< | <p>• अग्न्याभजाति के लौकांतिक देव - देखें [[ लौकांतिक ]]।</p> | ||
< | <p>• एक चंद्र परिवार में ८८ ग्रह होते हैं। उनमें से एक ग्रह का नाम अग्निदेव है। अधिक जानकारी के लिए - देखें [[ ग्रह ]]।</p> | ||
< | <p>• भवनवासी देव दस प्रकार के हैं उनमें से एक अग्निकुमार है। अधिक जानकारी के लिए - देखें [[ भवन#1 | भवन - 1]]।</p> | ||
[[Category:अ]] | <p>• अग्निरुद्धनामा असुरकुमार देव - देखें [[ असुर ]]।</p> | ||
<p>• भौतिक अग्नि देवता रूप नहीं है। - देखें [[ अग्नि#2 | अग्नि - 2]]।</p> | |||
<noinclude> | |||
[[ अग्निज्वाला | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अग्निप्रभदेव | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: अ]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वृषभदेव के तेरहवें गणधर । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_12#55|हरिवंशपुराण - 12.55-57]] </span></p> | |||
</div> | |||
<noinclude> | |||
[[ अग्निज्वाला | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अग्निप्रभदेव | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: अ]] | |||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
• भूतकालीन 11वें तीर्थंकर – देखें तीर्थंकर - 5।
• लोकपालों के भेद रूप अग्नि। - देखें लोकपाल ।
• आकाशोपपन्न देव बारह प्रकार के हैं। उनमें से एक अनलकायिक देव है। अधिक जानकारी के लिए - देखें देव - II.1।
• अग्न्याभजाति के लौकांतिक देव - देखें लौकांतिक ।
• एक चंद्र परिवार में ८८ ग्रह होते हैं। उनमें से एक ग्रह का नाम अग्निदेव है। अधिक जानकारी के लिए - देखें ग्रह ।
• भवनवासी देव दस प्रकार के हैं उनमें से एक अग्निकुमार है। अधिक जानकारी के लिए - देखें भवन - 1।
• अग्निरुद्धनामा असुरकुमार देव - देखें असुर ।
• भौतिक अग्नि देवता रूप नहीं है। - देखें अग्नि - 2।
पुराणकोष से
वृषभदेव के तेरहवें गणधर । हरिवंशपुराण - 12.55-57