संचार: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>1. <span class="HindiText">एक अक्ष या भंग को अनेक भंगनि विषै क्रम से पलटना। - देखें [[ गणित#II.3 | गणित - II.3]]।</span></p> | <p>1. <span class="HindiText">एक अक्ष या भंग को अनेक भंगनि विषै क्रम से पलटना। - देखें [[ गणित#II.3 | गणित - II.3]]।</span></p> | ||
<p>2. <span class=" | <p>2. <span class="GRef"> न्यायविनिश्चय/ वृत्ति/1/20/217/26 </span><span class="SanskritText">असंचार: असंप्रतिपत्ति:।</span> = <span class="HindiText">असंचार अर्थात् प्रतिपति यानी निश्चय का न होना।</span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 9: | Line 9: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: स]] | [[Category: स]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 12:58, 17 February 2024
1. एक अक्ष या भंग को अनेक भंगनि विषै क्रम से पलटना। - देखें गणित - II.3।
2. न्यायविनिश्चय/ वृत्ति/1/20/217/26 असंचार: असंप्रतिपत्ति:। = असंचार अर्थात् प्रतिपति यानी निश्चय का न होना।