अणिमा ऋद्धि: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= अणु के बराबर शरीर को करना अणिमा ऋद्धि है। इस ऋद्धि के प्रभाव से महर्षि अणु के बराबर छिद्र में प्रविष्ट होकर वहाँ ही, चक्रवर्ती के कटक और निवेश की विक्रिया द्वारा रचना करता है।</p> | |||
<p class="HindiText"> ऋद्धियों को विस्तार से जानने के लिये देखें [[ ऋद्धि]]।</p> | |||
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तिलोयपण्णत्ति/ अधिकार संख्या ४/१०२६
अणुतणुकरणं अणिमा अणुछिद्दे पविसिदूण तत्थेव। विकरदि खंदावारं णिएसमविं चक्कवट्टिस्स ।१०२६।
= अणु के बराबर शरीर को करना अणिमा ऋद्धि है। इस ऋद्धि के प्रभाव से महर्षि अणु के बराबर छिद्र में प्रविष्ट होकर वहाँ ही, चक्रवर्ती के कटक और निवेश की विक्रिया द्वारा रचना करता है।
ऋद्धियों को विस्तार से जानने के लिये देखें ऋद्धि।