अवगाह क्षेत्र: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> धवला 1/1,1,7/156/1</span> <p class=" PrakritText "> | |||
णिय-संखा-गुणिदोगाहणखेत्तं खेत्तं उच्चदे दि।</p> | |||
<p class="HindiText"> =1. वर्तमान क्षेत्र का प्ररूपण करने वाली क्षेत्र प्ररूपणा है। अतीत स्पर्श और वर्तमान स्पर्श का कथन करने वाली स्पर्शन प्ररूपणा है। 2. अपनी अपनी संख्या से गुणित '''अवगाहनारूप क्षेत्र''' को ही क्षेत्रानुगम कहते हैं।</p> | |||
<p>देखें [[ क्षेत्र ]]।</p> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 15: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:04, 27 December 2022
धवला 1/1,1,7/156/1
णिय-संखा-गुणिदोगाहणखेत्तं खेत्तं उच्चदे दि।
=1. वर्तमान क्षेत्र का प्ररूपण करने वाली क्षेत्र प्ररूपणा है। अतीत स्पर्श और वर्तमान स्पर्श का कथन करने वाली स्पर्शन प्ररूपणा है। 2. अपनी अपनी संख्या से गुणित अवगाहनारूप क्षेत्र को ही क्षेत्रानुगम कहते हैं।
देखें क्षेत्र ।