निस्तारकमंत्र: Difference between revisions
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सत्यजाताय स्वाहा, अर्हज्जाताय स्वाहा षट्कर्मणे स्वाहा, ग्रामपतये स्वाहा, अनायदिश्रोत्रियाय स्वाहा, स्नातकाय स्वाहा, श्रावकाय स्वाहा, देवब्राह्मणाय स्वाहा, सुब्राह्मणाय स्वाहा, अनुपमाय स्वाहा सम्यग्दृष्टे-सम्यग्दृष्टे, निधिपते-निधिपते, वैश्रवण-वैश्रवण स्वाहा, सेवाफलं षट्परमस्थानं भवतु, अपमृत्युविनाशनं भवतु, समाधिमरणं भवतु । <span class="GRef"> महापुराण 40. 32-37 </span></p> | |||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
कष्ट निवारक मंत्र । निम्न मंत्र निस्तारक मंत्र है—
सत्यजाताय स्वाहा, अर्हज्जाताय स्वाहा षट्कर्मणे स्वाहा, ग्रामपतये स्वाहा, अनायदिश्रोत्रियाय स्वाहा, स्नातकाय स्वाहा, श्रावकाय स्वाहा, देवब्राह्मणाय स्वाहा, सुब्राह्मणाय स्वाहा, अनुपमाय स्वाहा सम्यग्दृष्टे-सम्यग्दृष्टे, निधिपते-निधिपते, वैश्रवण-वैश्रवण स्वाहा, सेवाफलं षट्परमस्थानं भवतु, अपमृत्युविनाशनं भवतु, समाधिमरणं भवतु । महापुराण 40. 32-37