अर्हंनंदन: Difference between revisions
From जैनकोष
m (Vikasnd moved page अर्हन्नन्दन to अर्हंनंदन: RemoveFifthCharsTitles) |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> एक मुनि | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक मुनि, धातकीखंड द्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में सीता नदी के उत्तर तट पर सुकच्छ नाम के देश मे स्थित क्षेमपुर नगर का राजा नंदिषेण और उसका पुत्र धनपति दोनों इन्हीं से दीक्षित होकर आयु के अंत में संन्यासमरण द्वारा अहमिंद्र हुए थे । पूर्व पुंडरीकिणी नगरी का राजा रतिषेण भी इन्हीं से दीक्षित हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 51.2-3, 12-13, 53.2-15, 65.2-9 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ अर्हं | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ अर्हच्छ्री | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
एक मुनि, धातकीखंड द्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में सीता नदी के उत्तर तट पर सुकच्छ नाम के देश मे स्थित क्षेमपुर नगर का राजा नंदिषेण और उसका पुत्र धनपति दोनों इन्हीं से दीक्षित होकर आयु के अंत में संन्यासमरण द्वारा अहमिंद्र हुए थे । पूर्व पुंडरीकिणी नगरी का राजा रतिषेण भी इन्हीं से दीक्षित हुआ था । महापुराण 51.2-3, 12-13, 53.2-15, 65.2-9