अद्गु: Difference between revisions
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<p> तीर्थंकर अजितनाथ के काल में हुए सगर चक्रवर्ती के साठ हजार पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र । किसी समय यह और इसके सभी भाई कैलाश पर्वत पर आठ पाद-स्थान बनाकर दंडरत्न से भूमि खोद रहे थे । इससे कुपित होकर नागराज ने इन्हें भस्म कर दिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13.26-29 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> तीर्थंकर अजितनाथ के काल में हुए सगर चक्रवर्ती के साठ हजार पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र । किसी समय यह और इसके सभी भाई कैलाश पर्वत पर आठ पाद-स्थान बनाकर दंडरत्न से भूमि खोद रहे थे । इससे कुपित होकर नागराज ने इन्हें भस्म कर दिया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_13#26|हरिवंशपुराण - 13.26-29]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
तीर्थंकर अजितनाथ के काल में हुए सगर चक्रवर्ती के साठ हजार पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र । किसी समय यह और इसके सभी भाई कैलाश पर्वत पर आठ पाद-स्थान बनाकर दंडरत्न से भूमि खोद रहे थे । इससे कुपित होकर नागराज ने इन्हें भस्म कर दिया था । हरिवंशपुराण - 13.26-29