अलका: Difference between revisions
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2. पूर्व के दूसरे भव में `रेवती' नाम की धाय थी। इसने कृष्ण के पूर्व भव में अर्थात् निर्नामिक की पर्याय में उसका पालन किया था/144-145। वर्तमान भव में भद्रिला नगर में सुदृष्टि नामा सेठ की स्त्री हुई ॥167॥ इसने कृष्ण के छः भाइयों को अपने छः मृत पुत्रों के बदले में पाला था ॥35-39॥</big></p> | |||
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<p id="1"> (1) | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी का नगर । अपरनाम अलकापुर एवं अलकापुरी । <span class="GRef"> महापुराण 4.104-121, 19.82, 87, 62.58, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5.65, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 3.68 </span></p> | ||
<p id="2">(2) घातकीखंड द्वीप के दक्षिण की ओर विद्यमान इष्वाकार पर्वत से पूर्व की ओर भरतक्षेत्र में स्थित एक देश । <span class="GRef"> महापुराण 54.86 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) घातकीखंड द्वीप के दक्षिण की ओर विद्यमान इष्वाकार पर्वत से पूर्व की ओर भरतक्षेत्र में स्थित एक देश । <span class="GRef"> महापुराण 54.86 </span></p> | ||
<p id="3">(3) भद्रिल नगर की एक वणिक्-पुत्री । इसी के मृत युगल पुत्रों को नैगमर्ष देव देवकी के पास ले जाता और देवकी के पुत्रों को इसके पास लाता था । <span class="GRef"> महापुराण 70.384-386 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) भद्रिल नगर की एक वणिक्-पुत्री । इसी के मृत युगल पुत्रों को नैगमर्ष देव देवकी के पास ले जाता और देवकी के पुत्रों को इसके पास लाता था । <span class="GRef"> महापुराण 70.384-386 </span></p> | ||
<p id="4">(4) मलय देश के भद्रिलपुर नगर के सुदृष्टि सेठ की भार्या । <span class="GRef"> महापुराण 71.293, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 33.167 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) मलय देश के भद्रिलपुर नगर के सुदृष्टि सेठ की भार्या । <span class="GRef"> महापुराण 71.293, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_33#167|हरिवंशपुराण - 33.167]] </span></p> | ||
<p id="5">(5) मेघदल नगर के निवासी मेघ सेठ की सेठानी इसकी चार—लक्ष्मी नाम की एक कन्या थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 46.14-15 </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) मेघदल नगर के निवासी मेघ सेठ की सेठानी इसकी चार—लक्ष्मी नाम की एक कन्या थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_46#14|हरिवंशपुराण - 46.14-15]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
1. विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर- देखें विद्याधर ;
2. पूर्व के दूसरे भव में `रेवती' नाम की धाय थी। इसने कृष्ण के पूर्व भव में अर्थात् निर्नामिक की पर्याय में उसका पालन किया था/144-145। वर्तमान भव में भद्रिला नगर में सुदृष्टि नामा सेठ की स्त्री हुई ॥167॥ इसने कृष्ण के छः भाइयों को अपने छः मृत पुत्रों के बदले में पाला था ॥35-39॥
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी का नगर । अपरनाम अलकापुर एवं अलकापुरी । महापुराण 4.104-121, 19.82, 87, 62.58, पांडवपुराण 5.65, वीरवर्द्धमान चरित्र 3.68
(2) घातकीखंड द्वीप के दक्षिण की ओर विद्यमान इष्वाकार पर्वत से पूर्व की ओर भरतक्षेत्र में स्थित एक देश । महापुराण 54.86
(3) भद्रिल नगर की एक वणिक्-पुत्री । इसी के मृत युगल पुत्रों को नैगमर्ष देव देवकी के पास ले जाता और देवकी के पुत्रों को इसके पास लाता था । महापुराण 70.384-386
(4) मलय देश के भद्रिलपुर नगर के सुदृष्टि सेठ की भार्या । महापुराण 71.293, हरिवंशपुराण - 33.167
(5) मेघदल नगर के निवासी मेघ सेठ की सेठानी इसकी चार—लक्ष्मी नाम की एक कन्या थी । हरिवंशपुराण - 46.14-15