अष्टाह्निकपूजा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> अष्टाह्निका में नंदीश्वर द्वीप के 52 जिनालयों में स्थित जिन बिंबों की यथाविधि भक्तिपूर्वक पूजा करना । यह पूजा ऐहलौकिक और पारलौकिक अभ्युदयों की दात्री होती है । इसे उपवासपूर्वक किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 43.176-177, 54.50, 70.7-8 | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> अष्टाह्निका में नंदीश्वर द्वीप के 52 जिनालयों में स्थित जिन बिंबों की यथाविधि भक्तिपूर्वक पूजा करना । यह पूजा ऐहलौकिक और पारलौकिक अभ्युदयों की दात्री होती है । इसे उपवासपूर्वक किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 43.176-177, 54.50, 70.7-8 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.29 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
अष्टाह्निका में नंदीश्वर द्वीप के 52 जिनालयों में स्थित जिन बिंबों की यथाविधि भक्तिपूर्वक पूजा करना । यह पूजा ऐहलौकिक और पारलौकिक अभ्युदयों की दात्री होती है । इसे उपवासपूर्वक किया जाता है । महापुराण 43.176-177, 54.50, 70.7-8 पांडवपुराण 3.29