आंतरंगतम: Difference between revisions
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<p> अर्धबर्बर देश के मयूरमाल नगर का राजा । इसके द्वारा युद्ध में लक्ष्मण को रथरहित कर दिये जाने पर राम ने इसकी सेना को छिन्न-भिन्न करके इसे परास्त कर दिया था । अंत में इसने राम से संधि की और कंदमूल फल आदि खाकर सह्य और विंध्य पर्वतों मे जीवन-यापन किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 27.5-11, 78-88 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> अर्धबर्बर देश के मयूरमाल नगर का राजा । इसके द्वारा युद्ध में लक्ष्मण को रथरहित कर दिये जाने पर राम ने इसकी सेना को छिन्न-भिन्न करके इसे परास्त कर दिया था । अंत में इसने राम से संधि की और कंदमूल फल आदि खाकर सह्य और विंध्य पर्वतों मे जीवन-यापन किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_27#5|पद्मपुराण - 27.5-11]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_27#78|78-88]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
अर्धबर्बर देश के मयूरमाल नगर का राजा । इसके द्वारा युद्ध में लक्ष्मण को रथरहित कर दिये जाने पर राम ने इसकी सेना को छिन्न-भिन्न करके इसे परास्त कर दिया था । अंत में इसने राम से संधि की और कंदमूल फल आदि खाकर सह्य और विंध्य पर्वतों मे जीवन-यापन किया था । पद्मपुराण - 27.5-11, 78-88