कालपरिवर्तन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <span class="HindiText"> द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव कौर भाव इन पांच परिवर्तनों में एक परिवर्तन । उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी के विभिन्न कालांशों में सांसारिक जीवों का निरंतर जन्म-मरण होता रहता है । यही काल-परिवर्तन है । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 30 </span> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 10:45, 14 March 2023
द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव कौर भाव इन पांच परिवर्तनों में एक परिवर्तन । उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी के विभिन्न कालांशों में सांसारिक जीवों का निरंतर जन्म-मरण होता रहता है । यही काल-परिवर्तन है । वीरवर्द्धमान चरित्र 11. 30