कुंडलमंडित: Difference between revisions
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<p> विदग्धनगर के राजा प्रकाशसिंह और उसकी रानी प्रवरावली का पुत्र । इसने राजा अनरण्य के राज्य पर कई बार आक्रमण किया । इससे खिन्न होकर अनरण्य ने अपने सेनापति बालचंद्र के द्वारा इसे अपने राज्य से बाहर निकलवा दिया । एक मुनि से इसने धर्मोंपदेश सुना । सम्यक्त्वी होकर यह मरा और जनक की रानी विदेहा के गर्भ में आया । यही जनक का पुत्र भामंडल हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 26.13-15, 46-112, 148 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> विदग्धनगर के राजा प्रकाशसिंह और उसकी रानी प्रवरावली का पुत्र । इसने राजा अनरण्य के राज्य पर कई बार आक्रमण किया । इससे खिन्न होकर अनरण्य ने अपने सेनापति बालचंद्र के द्वारा इसे अपने राज्य से बाहर निकलवा दिया । एक मुनि से इसने धर्मोंपदेश सुना । सम्यक्त्वी होकर यह मरा और जनक की रानी विदेहा के गर्भ में आया । यही जनक का पुत्र भामंडल हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_26#13|पद्मपुराण - 26.13-15]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_26#46|46-112]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_26#148|148]]</span></p> | ||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
विदग्धनगर के राजा प्रकाशसिंह और उसकी रानी प्रवरावली का पुत्र । इसने राजा अनरण्य के राज्य पर कई बार आक्रमण किया । इससे खिन्न होकर अनरण्य ने अपने सेनापति बालचंद्र के द्वारा इसे अपने राज्य से बाहर निकलवा दिया । एक मुनि से इसने धर्मोंपदेश सुना । सम्यक्त्वी होकर यह मरा और जनक की रानी विदेहा के गर्भ में आया । यही जनक का पुत्र भामंडल हुआ । पद्मपुराण - 26.13-15, 46-112, 148