केशव वर्णी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> यह ब्रह्मचारी थे। कृति—गोम्मटसार की संस्कृत टीका (लघु | <li> यह ब्रह्मचारी थे। कृति—गोम्मटसार की संस्कृत टीका <span class="GRef">(लघु गोम्मटसार/प्रस्तावना/1 मनोहर लाल)</span>। </li> | ||
<li> गुरु का नाम अभयचंद्र सूरि सिद्धांत चक्रवर्ती। कृति—गोम्मटसार की कर्णाटक वृत्ति समय—वि. 1416 ई. 1359 में वृत्ति पूरी की। ( | <li> गुरु का नाम अभयचंद्र सूरि सिद्धांत चक्रवर्ती। कृति—गोम्मटसार की कर्णाटक वृत्ति समय—वि. 1416 ई. 1359 में वृत्ति पूरी की। <span class="GRef">(जैन साहित्य इतिहास/1/464)</span>। </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 11: | Line 11: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 22:20, 17 November 2023
- यह ब्रह्मचारी थे। कृति—गोम्मटसार की संस्कृत टीका (लघु गोम्मटसार/प्रस्तावना/1 मनोहर लाल)।
- गुरु का नाम अभयचंद्र सूरि सिद्धांत चक्रवर्ती। कृति—गोम्मटसार की कर्णाटक वृत्ति समय—वि. 1416 ई. 1359 में वृत्ति पूरी की। (जैन साहित्य इतिहास/1/464)।