गंगाकूट: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
हिमवान् पर्वतस्थ एक कूट–देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4]]। | == सिद्धांतकोष से == | ||
<span class="HindiText">हिमवान् पर्वतस्थ एक कूट–देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4]]। | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<span class="HindiText">(1) हिमवान् पर्वतस्थ ग्यारह कूटों में पांचवां कूट । इसकी ऊँचाई पच्चीस योजन है । यह मूल में पच्चीस, मध्य में पौने उन्नीस और ऊपर साढ़े बारह योजन विस्तृत है । गंगा इसी कूट से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#54|हरिवंशपुराण - 5.54-56]], 138 </span></p> | |||
< | <span class="HindiText">(2) गंगादेवी की निवासभूमि । <span class="GRef"> महापुराण 45.148 </span> | ||
Line 24: | Line 25: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ग]] | [[Category: ग]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
हिमवान् पर्वतस्थ एक कूट–देखें लोक - 5.4।
पुराणकोष से
(1) हिमवान् पर्वतस्थ ग्यारह कूटों में पांचवां कूट । इसकी ऊँचाई पच्चीस योजन है । यह मूल में पच्चीस, मध्य में पौने उन्नीस और ऊपर साढ़े बारह योजन विस्तृत है । गंगा इसी कूट से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है । हरिवंशपुराण - 5.54-56, 138(2) गंगादेवी की निवासभूमि । महापुराण 45.148