चतुर्दशीव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
14 वर्ष पर्यंत प्रतिमास की दोनों चतुर्दशियों को 16 पहर का उपवास | <p class="HindiText">चतुर्दशीव्रत में 14 वर्ष पर्यंत प्रतिमास की दोनों चतुर्दशियों को 16 पहर का उपवास करे।इसमें लौंद के मासों सहित कुल 344 उपवास होते हैं। ‘ॐ ह्रीं अनंतनाथाय नम:’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य। <span class="GRef"> (चतुर्दशी व्रत कथा); (व्रत विधान संग्रह/पृष्ठ 124)।</span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: च]] | [[Category: च]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:39, 12 May 2023
चतुर्दशीव्रत में 14 वर्ष पर्यंत प्रतिमास की दोनों चतुर्दशियों को 16 पहर का उपवास करे।इसमें लौंद के मासों सहित कुल 344 उपवास होते हैं। ‘ॐ ह्रीं अनंतनाथाय नम:’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य। (चतुर्दशी व्रत कथा); (व्रत विधान संग्रह/पृष्ठ 124)।