जयसेना: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) घातकीखंड में विदेह क्षेत्रस्थ पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा धनंजय की रानी । यह बलभद्र महाबल की जननी थीं । <span class="GRef"> महापुराण 7.80-82 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) घातकीखंड में विदेह क्षेत्रस्थ पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा धनंजय की रानी । यह बलभद्र महाबल की जननी थीं । <span class="GRef"> महापुराण 7.80-82 </span></p> | ||
<p id="2">(2) सागरसेन की पुत्री । यह विदेहक्षेत्रस्थ पुंडरीकिणी नगरी के वैश्य सर्वदयित की पहली भार्या थी । <span class="GRef"> महापुराण 47.193-194 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) सागरसेन की पुत्री । यह विदेहक्षेत्रस्थ पुंडरीकिणी नगरी के वैश्य सर्वदयित की पहली भार्या थी । <span class="GRef"> महापुराण 47.193-194 </span></p> | ||
<p id="3">(3) जयावती के भाई जयवर्मा की पुत्री । श्रीपाल और जयावती के पुत्र गुणपाल से इसका विवाह हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 47.172, 174-176 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) जयावती के भाई जयवर्मा की पुत्री । श्रीपाल और जयावती के पुत्र गुणपाल से इसका विवाह हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 47.172, 174-176 </span></p> | ||
<p id="4">(4) जंबूद्वीप पूर्व विदेह के वत्सकावती देश में पृथिवी नगर के राजा जयसेन की रानी । यह रतिषेण की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 48. 58-59 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) जंबूद्वीप पूर्व विदेह के वत्सकावती देश में पृथिवी नगर के राजा जयसेन की रानी । यह रतिषेण की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 48. 58-59 </span></p> | ||
<p id="5">(5) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित वत्सकावती देश की प्रभाकरी नगरी के राजा नंदन की रानी । यह विजयभद्र की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.75-76 </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित वत्सकावती देश की प्रभाकरी नगरी के राजा नंदन की रानी । यह विजयभद्र की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.75-76 </span></p> | ||
<p id="6">(6) वस्त्वोकसार नगर के स्वामी विद्याधर समुद्रसेन की रानी । यह बसंतसेना की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63. 118-119 </span></p> | <p id="6" class="HindiText">(6) वस्त्वोकसार नगर के स्वामी विद्याधर समुद्रसेन की रानी । यह बसंतसेना की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63. 118-119 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
(1) घातकीखंड में विदेह क्षेत्रस्थ पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा धनंजय की रानी । यह बलभद्र महाबल की जननी थीं । महापुराण 7.80-82
(2) सागरसेन की पुत्री । यह विदेहक्षेत्रस्थ पुंडरीकिणी नगरी के वैश्य सर्वदयित की पहली भार्या थी । महापुराण 47.193-194
(3) जयावती के भाई जयवर्मा की पुत्री । श्रीपाल और जयावती के पुत्र गुणपाल से इसका विवाह हुआ था । महापुराण 47.172, 174-176
(4) जंबूद्वीप पूर्व विदेह के वत्सकावती देश में पृथिवी नगर के राजा जयसेन की रानी । यह रतिषेण की जननी थी । महापुराण 48. 58-59
(5) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में स्थित वत्सकावती देश की प्रभाकरी नगरी के राजा नंदन की रानी । यह विजयभद्र की जननी थी । महापुराण 62.75-76
(6) वस्त्वोकसार नगर के स्वामी विद्याधर समुद्रसेन की रानी । यह बसंतसेना की जननी थी । महापुराण 63. 118-119