दीपसेन: Difference between revisions
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पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप नंदिसेन के शिष्य तथा धरसेन (श्रुतावतार वाले से भिन्न) के गुरु थे। –देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप नंदिसेन के शिष्य तथा धरसेन (श्रुतावतार वाले से भिन्न) के गुरु थे। –देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | ||
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<p> आचार्य नंदिषेण के शिष्य तथा श्रीवरसेन के गुरु-एक आचार्य । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.27-28 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> आचार्य नंदिषेण के शिष्य तथा श्रीवरसेन के गुरु-एक आचार्य । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_66#27|हरिवंशपुराण - 66.27-28]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप नंदिसेन के शिष्य तथा धरसेन (श्रुतावतार वाले से भिन्न) के गुरु थे। –देखें इतिहास - 7.8।
पुराणकोष से
आचार्य नंदिषेण के शिष्य तथा श्रीवरसेन के गुरु-एक आचार्य । हरिवंशपुराण - 66.27-28